निर्वाण गति एवं मोक्ष प्राप्ति के योग
ज्योतिष एक एसा विज्ञानं है जिसमें गहिन अध्यनद्वरा जीवनकेहरपहलुपर प्रकाशडाला जासकताहै|पूरबजन्मकेऋणआगेहोनेबा लाजन्म मर्त्यु काकारण जीवनकेउत्तार चदाव सभीकेबारेमेंज्योतिषकेमाध्यमसे जानकारीप्राप्तकर जीवन कोसफल बनायाजासकताहै| इस संदर्भमें आगेहोनेबालेजन्मकीबात करेतो ज्योत्शीय आधारनिम्नबत बनता है- १-अगरकुंडली चारयाउससेअधीकग्रह उच्चकेहो तोजातकसंतश्रेणीमें मनजाताहै एवं उसकी निर्माणगतिसंभव है| २- अगरकुंडलीमेंचार ग्रहनीचराशी या नीचनवांश होतोजातकद्वरापूरबजन्ममें अतमदहाद्वरा प्राणत्यागेथे यहमाननाचाहिए| ३अगरकुंडलीमें गुरुएवं चन्द्रएकसाथ सामनडिग्रीमें जातकअछेसंस्कारबाले ब्रह्मणपरिवारसेआयाहै |इसकीअन्तमगति धार्मिकस्ताथानपर चन्दनअदिकीलकड़ीमें संभवहै| एवंएसेजातको कीनिर्वाणगतिसंभवहै| ४-अगरआपकीकुंडलीकेअष्टम भावमें राहू हैतोनिश्चयही मानेकीआपपुन्यअतमाहै| एवंम्रत्युकेबादआपको मोक्षगतिमिलेगी| इसमें कोईसंदेहनहींहै| ५-अगरअष्टमभाव में मंगल यासूर्यहो अथवा अष्टमभावपर सूर्यराहूकीद्रष्टिहो जातककीम्रत्यु अधमगतिसेहोतीहै एवंजातकरोरवनामकनरकभोगताहै| ६- अगरआपकीकुंडली केअष्टमभावपर शुक्रयागुरुकीद्रष्...