पीपल के व्रक्ष के पूजन का महत्व
---------- Forwarded message ---------- From: Shriniwas Sharma सभी कामनाये पूर्ण करता है पीपल व्रक्ष का पूजन हमारे शास्त्रों में पीपल को ब्रह्मण का स्वरूप माना गया है यानि हमारे शास्त्रों में तीन प्रकार के बरहमो चर्चा है | जातीय मानब ब्रह्म दूसरा गौ को पशुओ में ब्रह्म माना गया है |शास्त्रों को मन ना है को इन को नष्ट करने कष्ट पहुचाने से मनाब का भरी पताक लगता है जिस से उस का यह जन्म तथा आगे होने बाला जन्म ख़राब होता है |अगर हम प्रकति की बात करे तो इस स्रष्टि को संतुलित रखने में सबसे अधिक पीपल व्रक्ष का महत्व है |पीपल का व्रक्ष ही एसा व्रक्ष है जो रविवार को छोड़ शेष सभी दिन ओक्स्शिजन गैस मानवीय जीवन केलिए अब्स्यक है छोड़ते है |शेष पौधे २४ घंटो में से 12 घंटे ही ओक्स जन छोड़ते है इतना महत्व पूरण कार्य है वर्क्षो में पीपल का भगवान् श्री क्रष्ण गीता में स्वय को वर्क्षो में पीपल बतलाते है | स्कन्द पुराण के अनुसार पीपल के व्रक्ष की जड़ में विष्णू तने में केशव शाखयो में नारायण तथा इस व्रक्ष के पत्तो में नारायण का बास है |अर्थात पीपल का व्रक्ष साक्षत विष...