आराध्य शक्ति महामाया दुर्गा
आराध्य शक्ति महामाया दुर्गा नवरात्री नौ निधि प्राप्त करनें की योगीजन का एक विशेष पर्व है. इस पर्व पर महामाया देवी की उपासना का योगी योग को प्राप्त करते हैं तथा भोगीजन सांसारिक भोगों की कामना करते हैं इस सृष्टि में महामाया शक्ति के रूप में दो तरह के कार्य करती है १) संसार में भ्रम पैदा करना तथा आसक्ति में फ़साये रखना, दो अदृशय है जिसको जाना नहीं जा सकता २) सांसारिक जीवों का पालन करना तथा ज्ञान एवं भक्ति द्वारा शक्ति संचार कर उन्हें जागृत करना एवं सांसारिक बन्धनों से मुक्ति देना अर्थार्त जीव को सांसारिक बन्धनों में बांधे रखना तथा बन्धनों से मुक्त करना दोनों ही कारण महामाया शक्ति के हैं. गीता में भगवान् श्री कृषण नें अर्जुन को उपदेश करते हूए यह बात कही थी की संसार में मैं कुछ भी नहीं करता हूँ फिर भी तू मुझे सभी कार्यों का करता मान तथा किसी वास्तु का भोग न करते हूए भी मुझे सभी वस्तुओं का भोगता मान अर्थार्त में कुछ न करते हूए भी संसार के प्रत्येक कार्य को करता हूँ मेरी माया मेरे संकेत पर इस संसार के सभी कार्य पूरण करती है इसलिए तू अपना कर्तव्य मेरी इच्छा को स्रोधार्य ...