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Showing posts from November, 2016

नहीं सुधरेंगे भारत पाक सम्बन्ध

नहीं सुधरेंगे पाक भारत सम्बन्ध इन दिनों देश में नोट बंदी को लेकर देश में गरीबो की लाचारी अभी दूर नहीं होंगी बल्कि दिन प्रति दिन बढ़ेगी |जिस का मुख्य कारन धन के आभाव के साथ साथ बाजारों में महगाई का बढ़ जाना है |इन दिनों व्यापार का कारक बुद्ध धनु राशी एवं मुला नक्षत्र में है एवं सूर्य शनि जेष्ठा नक्षत्र में होने के कारन सरकार को कार्य करने में दिन प्रति दिन बाधा बढ़ेगी |अन्तंक बाद एवं जम्मू कश्मीर की समस्या दिन प्रति दिन बढ़े पैमाने पर बढ़ क्र उभरेंगी | यानि पाक एवं हिनुस्थान का होने की सम्भावना है लेकिन उस का रूप लुका छिपी बाला ही रहेगा |लेकिन देश कंद्र व्याप्त भ्रष्टाचार एवं पार्टी की आन्तरिक कलह भी मोदी सरकार की इजत खराब करेंगी | मोदी सरकार के लिए समस्या जब सूर्य शनि के साथ मंगल की राशी में होगा और अधिक हो जाएगी यानि भारत एवं पाक के सम्बन्ध भविष्य में सुधरेंगे एसी सम्भावना कम रहेगी |अत आतंकबाद का शया भारत सरकार की नीद खराब करेंगा | -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भ

देश में आन्तरिक कलह के असार

नहीं सुधरेंगे सामाजिक हालत देश में बाह अंत कलह के असार ज्योतिषीय द्रष्टि से मार्ग शीर्ष मास में पांच मंगल होने के कारन समय जनता के हित में नहीं है | इन दिनों मंगल अपनी उच्च राशी में है एवं शनि की मंगल पर द्रष्टि है | शनि जनता का कारक है | अत इन दिनों जनता के शुख चैन की कमी रहेगी |इस के साथ साथ राहू के सूर्य की राशी सिंह में होना एवं वर्श्चिक राशी में शनि एवं बुध की युति होना व्यापरियों के लिए बिलकुल अछी नहीं है | अत इन दिनों शासक एवं जनता के बीच मधुर समंध नहीं रहेंगे | मुद्रा को लेकर जगह जगह धरने एवं अशांति होगी | बाज़ार के हालत दिन प्रति दिन ख़राब होंगे |एवं पाक के सीमा आतंकबाद पहले की तरह ही जारी रहेंगे | देश में राज नेतायो के सीत युद्ध के कारन देश की गरीब जनता परेशान होंगी |लेकिन १५ दिसम्बर के बाद जब सूर्य धनु राशी में आयेगा तब सुधार संभव है इसके बाद १८ दिसम्बर को वुध धनु रासी में आयेगा तब सुधार संभव है | जब १५ नबम्बर को सूर्य मंगल की राशी वर्श्चिक आने के कारन देश का कानून और भी शक्ति से कार्य करेगा जिस के तेहित आय से अधिक सम्पति मामले म

आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ

--  सभी ग्रहों की बाधा ये शांत करता है आदित्य ह्र्दय स्त्रोत पाठएवं सूर्य उपसना सूर्य ब्रह्मांड के नायक है सभी ग्रह अपने क्रांतिय पथ पर सूर्य के इर्द गर्द ही चक्र लगते है | अभी ग्रह अपना काम भी सूर्य के प्रकाश से करते है |इस में कोई संदेह नहीं है | इस लिए सभी ग्रहों में सूर्य का बल सर्व ऊपर माना जाता है |यही करण है वैदिक काल से ही लोग सूर्य के उपासक रहे है मानस काल में भगवान श्री राम द्वरा शास्त्रू नास हेतु आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करते थे | सूर्य के एसा ग्रह है जिस की उपसना से तत्काल प्रभाव मिलता है |महाभारत काल में करण की उत्पत्ति सूर्य उपसना की ही देन है | इतना ही नहीं द्रोपती को अक्षय पात्र जिस का भोजन जब ही समाप्त होता था जब खाना बनाने बाली स्याम खाना खाले द्रोपती को सूर्य की उपसना से ही मिला था |प्राचीन काल से अनेक ऋषि मुनि सूर्य के उपसाक माने जाते है |जिस की कुंडली में सूर्य का राज्य योग हो वह इस प्रथ्वी पर सम्राट होता है एवं दुनियां पर राज्य करता है | सूर्य के उच्च नवांश एवं उच्च राशी में होने से जातक को ह्रदय की पीढ़ा कम रहती है एवं स