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Showing posts from October, 2016

छोटी दीपावली नरकासुर चौदस

दिवाली से एक दिन पूर्ब नरकासुर चोद्श का दिन आता है  जिसे लोग  छोटी दिवाली  कहते  है | जेसे दीपावली की कथा  भगवानश्री राम के बनबास काल के बपुसी के बाद  राम राज्य से जुडी है | इसी प्रकार  छोटी  दीपावली की कथा  श्री क्रष्ण  अबतार से जुडी है | भगवान क्रष्ण ने इस दिन  भामसुर  नामक असुर  के कारागार से देवराज इंद्र के आग्रह पर  सोलह हजार एक सो  कन्याओ को मुक्त कराया था |जिन से भगवान श्री क्रष्ण का बाद में विवहा हूआ था | इसी कारन भगवान श्री क्रष्ण के सोलह हजार एक सो आठ विवाहा माने जाते है | भामसुर के करागार से कन्याओ की मुक्ति की  खुशी में लोगो  ने दीप दान किया  एवं श्री क्रष्ण की विध वत पूजा करी | उसी दिन से लोग  इस दिन को  दीपावली के रूप में  मानतेहै  | जिसे छोटी दिवाली कहते है |अत छोटी दीपावली अध्यात्मक पर्व है  इस दिन  भगवान श्री क्रष्ण का  विध वत पूजन होता  है |  आप सभी को  छोटी दीपावली की ढेर सारी शुभ कामनाये यह दिन आप सभी को ज्ञान वर्धि क्र अज्ञानता का नास करे  एवं सुख समर्धि प्रदान करे | शुभ दीपावली  -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विर

दीपावली पूजन वर्ष २०१६

दीपावली का महा पर्ब यानि ज्ञान एवं समर्धि का प्रकाश परब दिनाक ३०-१०-२०१६ दिन रविवार नक्षत्र चित्रा योग प्रति कारन चर को होगा इस दिन चन्द्र तुला राशी में होंगे | ज्योतिष की एसी मान्यता है जिस वर्ष मंगलवार एवं रविवार की दीवली पड़े उस वर्ष खुशहाली किसान को मिलती है एवं सरकार एवं राष्ट को भी अच्छी सफलता मिलती है | दीपावली बाले दिन चित्रा नक्षत्र पड़ने के कारण इस योग की प्रबलता और अधिक बड जाती है | अत दिवाली के बाद केंद्र सरकार को विश्व स्थर पर सहयोग मिलेगा जो पाक के आतंकबाद पर भारी पड़ेगा | इस वर्ष देश का किसान को खेती में अच्छी पैदा होने एवं भाव अछे होने के कारन अच्छी सफलता मिलेगी | लेकिन सरकार की निति व्यापारियों के अति अधिक हित में नहीं होगी |सरकार नयी कर निति भी बाजार में बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं ला सकेगी इस के साथ साथ देश की सरकार की पहनी निगाहे व्यापारियों के लाभ पर होंगी अत व्यापर में पारदर्शता अधिक होने के कारन काले बाजारी की कमी होगी एवं क्षेत्रीय बाज़ार के व्यापारियों के लाभ कम होंगे एवं अंतर राष्टीय स्थर पर व्यापार करने बालो को

धन तेरस पूजन

कल दिनांक २८-१०-२०१६ को धन तेरश कल दिनाक २८-१०-२०१६ दिन शुक्रवार हसथ नक्षत्र एवं व् कारन में धन तेरश का पर्ब मनाया जायेगा | इस दिन धन के देवता धन्वानरी जी का पूजन होता है | धन तेरशबाले दिन समुद्र मंथन से अम्रत कलश के साथ धन्वन्तर जी की उत्पत्ति हूई थी | अम्रत को लेकर देव दानवो में झगडा शुरू हूआ जिस के कारन भगवान् मोहनी का अबतार हूआ धन्वन्तरी जिस समय अम्रत कलश को लेकर देत्यो के कारन दौड़ रहे थे | तभी उस अम्रत कलश में से जिन चार जगहों पर अम्रत की बूदे गिरी उन्ही जगह पर प्रतेक तीसरी साल कुम्भ का प्रब लगता है | इस दिन वर्तन जिसे कलश का प्रतीक मन जाता है |धन तेरश निरोगता का दिन है क्योकि इस दिन धन्वन्तरी महाराज जो वैधओ के देव है उत्पन्न हूए | नया खरीदा गया वर्तन अम्रत कलश का रूप है जिसे घर में स्थापित किया जाता है |अकाल म्रत्यु आदि को दूर करने हेतु यमराज को टिल के तेल का दीप दिया जाता है | इसी दिन से दीपावली की शुभ आरंभ माना जाता है अत इस दिन लक्ष्मी का भी पूजन होता है |इसी लिए सभी मांगलिक कार्य धन्तेरश ही शुरू होती है | जो साधक धन्ते

रावण बध की अजीब लीला

कल विजय दसमी है इसदिन भगवान श्रीराम ने अहिकारीउसरावणकेवधकियाथा जोवेदों काज्ञाताहोनेके कारन बलवानकहलाया दशमुखउसकी वुदुताकेप्रतीकहै | इतना बलसालीथा बीस भुजा उसके बलका प्रतीक है | एवं इतनाधन वान की उसकी सोनेकीलंका थी| अगर परिवार वैभवजिस परलोगघमंडकरते है तोउसका मेघनाथसाबेटा जिसने देवराजइंद्रको बंदी बनालियाथा|इतनाहीनहीं उसका भाई कुम्भकर्ण कमबलबान नहीं थे|पत्नीमंदोदरी रूपबान शुसिल एवंपतिव्रतधर्मको निभानेबलीथी| रावण केदोषोंकी बातकरे तो निष्कर्ष एकहीनिकलता है| यहसभी गुणएवंधर्मउसके अंदरहोनेके बाद यहहीबात निकलकर आती हैकीरावण नेअपनीशिक्षाकाउपयोग मनबता केविरुद्धकिया एवं परायीस्त्री केहरणका दोषीथा| बलएवंधनके अहिकार ने बलएवंविद्याबैभवशालीरावणको आतंकबादी बनादियाजिसका सदियोंसेपुतलेजलते है वहराम जिनकेसाथ न धनबलथा नस्त्रीबलथा न रावणजैसापरिवारिक बलथा| भगवानश्रीरामबनबासीथे इसलिए राज्यकी प्रभुतासाथनही थी| धर्म,सत्य शीलता सदाचारएवंस्यामके बलपर बिजयपाने में सफल हूए भगवानरामकेसमयभ्रष्टाचारपुरेवि श्वकी समस्याथी जो बड़ी भयाकथी|स्यामनियमएवं धर्म शीलताके बलपर रावणकोजित कररामविश्वविजयी हूए | अत

माँ भगवती कत्यानी

आओ कल पूजन करे करुणामयीदेवीकत्यानीका नवरात्रिके छटवेदिन भगवती कात्यानी देवी केपूजनका विधान है| कहाजाताहैकि पराचीन काल मेंएककर्त नामके ऋषिहूए जिनकेपुत्रका नामकात्यान था| कात्यान मुनिके कोईसंतान नहींथी|अतसंतानप्राप्तहेतु माँ भगवतीकी आराधनाकरी ऋषिकी कठोरतपस्यासेप्रशन्न होकर देवी ने मुनि केयहासंतान होने कावरदान दिया | उनदिनों महिषासुर असुरका अत्याचारप्रथ्वीपर बड़ाहूआ था | देवोकेअवाहनपरदेवीउत्पत्तिएवं अबतार हूआ| इससमय माँभगवती कात्यान मुनिकी संतानबनी एवं कात्यान मुनि नेदेवीका विधिवतपूजन किया जिसकेकारनमाँ भगवती का नाम कत्यानी पड़ा|छठेदिनदेवीकेइसरूपकीपूजाहो तीहै|माँकत्यानी चतुर्भुजाबाली है|देवीके एकहाथमेंतलवारएवं एकहाथमें पुष्प है|देवीकापुष्पबाला हाथ अश्रीवादमुद्रामें है|माँभगवतीभक्तो काकल्याणकरने बाली हैइससमयमाँकेभक्तका मनध्यानमुद्रामें होता है|आओमाँ के इसस्वरूप कीपूजा कर आनन्दकोप्राप्तकरे -- मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                  

स्कन्द माता पूजन

--  कल नवरात्रिका पंचमा नवरात्रि है | इसदिन माँ भगवतीके पांचवेरूप जिस का नाम स्कन्द माता है| केरूपकीपूजा होती है| स्कन्दमाता सिंह परआरुढ़ है | माँके चार भुजा है| स्कन्दमाताको भगवानशिवके पुत्र कार्तिकका माँ मनजाता है|कार्तिक जीके नामके आधार परदेवी का नाम स्कंद माता है| देवीके इसरूपकीपूजा नव रात्रि के पांचवेरोजहोती है| भगवान कार्तिके देवा सुर संग्राम में देवो के सेनापति बने थे |माँ स्कन्द माता अपने भक्तो के सभी अबगुन दूर कर साधक की सभी कामनाये पूरण करती है |स्कन्द माता की चार भुजा कमल पुष्प संख अदि से शोभमान्य है |दाये तरभ की नीचे का हाथ आशीर्वाद की अबस्था में उपर की और आशीवाद मुद्रा में है | माँ स्कन्द माता भक्तो के बड़े से बड़े शंकट को दूर कर अपने भक्त को निर्भय करती है | इस में कोई संदेह नहीं है | मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryana

दुर्गा सप्त सती पाठ का महत्व

सप्तसती के माध्यम चरित्र के गुणगान से निर्धन भी बनता है धनवान मार्कंडेयपुराण देवीसप्तसती में माँ भगवतीके तीन चरित्र है| प्रथमचरित्र जिसका एक अध्यायहै| अधत्मक कीदेवी महाकाली का है| यानिमाँ महाकाली जीव केअंदर संचारहोने बाली अधयातकशक्ति है जोसांसारिक बन्धनोंको काट कर भवसागर से पार करती है| दूसराचरित्र महा लक्ष्मीका है जो धनकी देवी है एवंगुणोंकाभंडारहै कुछलोग धनकोही लक्ष्मी मानतेहै जबकी एसा नहींहै| यानिलक्ष्मी गुणों लक्षणों को कहाजाताहै| अत माध्यमचरित्र हमें अन्य शिखने तथा ईश्वरीयशक्तिपर भरोषा कर संसारकेदुखोकोदूर करने कीप्रेनादेताहै| दुर्गासप्तसतीमेंअंतिम चरित्र उतम चरित्र है यहचरित्र शिक्षाकीदेवी सरस्वतीकाहै|शिक्षा जीवनकासबसेउतमधनहै जिसे संस्कारकान्हाजाताहै यानिदेवीकेमाध्यमचरित्रएवं उतमचरित्रका तात्पर्य एक ही है| शिखना अध्यनकरना वैसे यहसम्पुरणशास्त्र शिखने ग्रहणकरनेकीशिखादेताहै|तथातीनो चारित्रिकशिक्षा लोकिकनहीं अलोकिकहै|वसअंतरकेबलइतनाहै की प्रथमचरित्र प्रतक्ष है अन्य दोचरित्र अप्रतिक्ष है अत दुर्गासप्तसतीका प्रतिदिन पाठ करनेसेदेवीकीक्रपारुपीशक्ति हरहाल में प्रतक्षरूप

प्रथम नव रात्रि शैल पुत्री का पूजन दो दिन

--  इस बार माँ भगवतीशैलपुत्री प्रथमदेवी का पूजनदोदिन होगा यानि नवरात्रि महा पर्ब ०१ अक्टोबर२०१६ दिनशनिवार हस्ता नक्षत्र से शुरू हो रहा है | इसबार तिथि मान प्रतिपदा काशुभ आरंभदेरीसे होने केकारन प्रतिपदा का नवरात्रि दोदिन शनिवार एवं रविवार को मान्या जायेगा|वैसे ज्योतिष अनुसार नवरात्रि केदिनोंकाबढ़ना शुभ होता है| एवं इसवार नवरात्रिकाशुभ आरंभ शनिवार सेहोने केकारन पाक केसाथयुद्धके पूरणसंकेत बनरहे है| जिस में भारतका आत्म निर्भरता एवं विश्वस्थरपर सामान मिलेगा| आओ माँ भगवती के जैय कार केसाथ राष्ट के सफलता की मंगल कामनाकरे| मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .|| --  मंगल भवन  अमंगल  हारी, द्र्वयु सो  दशरथ  अजर बिहारी | दीन दयाल  विरद  सम भारी,   हरयो  नाथ  मम शंकट भारी .||. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http://vedicastrologyandvaastu.blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 vaastu visit