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Showing posts from March, 2015

चन्द्र ग्रहण के राजनैतिक प्रभाव

04 अप्रैलकी पूरनमा को चन्द्र ग्रहण घटित होगा जो देश की पुरबी हिस्से में पूरण रूप तथा उत्तर भारत में भी देखा जायेगा |इस चद्रग्रहण के कारण प्राक्रतिक तथा राजनैतिक दोनों ही परस्थितियो में तेजी से बदलाब आएगा |ग्रहण के कारण जनता में नई बीमारिया जन्म लेंगी तथा राजनैतिक शीत युध के कारण भी देश को काफी नुकशान उठाना पड़सकता है अर्थात किसी बड़े राजनेता की गंभीर रूप से  बीमार होने या अचानक म्रत्यु होने के संकेत है |चैत्र मास में 05 शनिवार होने के कारण मोसम एवं राजनैतिक परिबर्तन के पुराण योग है |अत जम्मू कश्मीर सरकार पर राजनैतिक परेशानी के बादलमदरा सकते है तथा बंगाल में चलने बाली राजनैतिक गतिबिधि अधिक तेज हो सकती है तथा जम्मू कश्मीर एवं बंगाल में क्षत्र भंग हो सकता है |ये योग १० अप्रैल तक करीब गर है |इसीलिए जनता को स्वस्थ के प्रति साबधानीरखनी चाहिए तथा देश की सरकारों को आपसी टकराब छोड़ देश हित में ध्यान देना चाहिए |ये समय देश के लिए शुभ नहीं है | -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम

करुणा निधान भगवन श्री राम

२८ -०३-२०१५ को राम नौवी का महोत्सव भी मान्या जायेगा |भगवान् श्री राम का जन्म चेत्र मास शुक्ल पक्ष नौवी के अभिजित महूरत में हूआ था |गोस्वामी तुलसी दास जी के अनुसार वशंत ऋतू चेत्र मास सुक्ल पक्ष नोवी तिथि दिन का अभिजित न अधिक धुप न ठण्ड में क्रपालु भगवानश्री राम का अयोध्या नरेश दशरथ कौसल्या सुतने जन्म लिया |जिस समय भगवन श्रीराम का जन्म लिया उस समय भृष्ट आचरण विश्व की मुख्य समस्या बन गया था | रावण सुभायु मारीच का आतंक जग जाहिर था | गोस्वामी तुलसी दास नेमानस में जिन परस्थितियो का वरन मानस में किया है |उस के अनुसार ब्र्श्ताचार देश के ही नहीं विश्व की समस्या था |जिसे रघुकुल नंदन राम द्वरा दूर किया गया |जिनका वरण सुनकर ही सरीर के रोगटे खड़े हो जाते है |यानि दानव प्रवर्तियाइतनी बलवान थी कि राक्षस ऋषि मुनियों को जीवत ही खा जाते थे |जो लोग जप तपभजन साधन करते थे उनके ग्राम भवन सभी जलादिये जाते थे | मुझे मानस की एक कथा व्यप्त भ्रष्टाचार को लेकर स्मरण हो रही है कि बनवासी राम जब चित्र कुट से पंचवटी की और प्रस्थान कर रहे थे तब रास्तेअगस्त मुनि के प्रभु आश्रम गए तथा उन्हें अपने रहने को स्थान पूछ

माँ सिद्धि दात्री

कल दिनांक २८-०३-२०१५ को अंतिम नवरात्री है |इस दिन भगवती के अंतिम स्वरूप देवी सिद्धदात्री के स्वरूप का पूजन होता है |देवी सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को देने बाली है |हमारे शास्त्रों में १८ प्रकार की सिद्द्धिया बतलाई गयी है |इन के नाम इस प्रकार है |इन का व्र्रण मार्कंडेय पूरण में भी मिलता है |इन का उल्लेख इस प्रकार है - १-आरिमा २-लघिमा ३-प्राप्ति ४-प्राकाम्य ५-महिमा ६-ईशित्व 7-सर्व कमाव्सयिता ८-सर्वज्ञत्व 9-दूर श्रवण १० परकाय प्रवेशन 11-वाक् सिद्धि 12  कल्प व्रक्षततव १३ स्रष्टि १४ -संहारकरन सामर्थ्य 15 अमरत्व १६ सर्व न्याय कत्व् १७ भावना १८ सिद्धि  ये सभी सिद्धियों की दात्री माँ भगवती सिद्धि दात्री कहलाती है |जो अपने साधको को माँ भगवती प्रदान करती है | देवी पूरण के मत अनुसार देवी सिद्धि दात्री द्वरा भगवन शिव की क्रपा से ये सभी सिद्धिया देवी ne  प्राप्त करी है |भगवन शिव द्वरा महारास में अर्ध नागेश्वर का रूप देवी सिद्धिदात्री की क्रपा से ही प्राप्त हूआ था |देवी सिद्ध दात्री चार भजयो बाली है शेर पर देवी की सवारी है इस के साथ साथ देवी कमल पर भी आसीन है |देवी के दाहिनी तरफ नीचे बाले

रामनौवी महोत्सव

कल मरियादा पुर्सोतम भगवन श्री राम का जन्म दिन है |भगवान् श्री राम का जन्म चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नौवी तिथि को दिन के अभजितयानि मध्यान में हूआ |अत कल दिन के अभिजित में राम जन्म उत्सव मनाया जायेगा |भगवानश्री राम का चरित्र मरियाद्यो से भरा हूआ है |राम के चरित्र में कुशल रजा आज्ञा करी पुत्र एक अच्छा पति अच्छा भाई तथा अच्छा स्वामी के सभी अद्रश गुण पाए जाते है |भगवान श्री राम के पावन चरित्र का जो वरण गो स्वामी तुलसी दास द्वरा अपने पावन सद ग्रन्थ में किया है उस से कोई मानब अछूता नहीं है |क्रपालु भगवान् श्री राम की हर लीला मानब को मानब ता का पाठ पड़ती है |मानस के नायक भगवन श्री राम का करुणा के अबतार है कितना पावन चरित्र है भगवन श्रीराम का की मानब तो क्या लाता पशु पक्षी सभी करुणा निधान भगवन श्री राम से प्रेम करते है |धन्य है एसे प्रभु जिन के नाम के आधार सहारे तैराए गए पत्थर आज भी राम सेतु के रूप में बिराज मान है | वैसे तो भगवन श्री राम का चरित्र अ वरणीय है लेकिन प्रभु के जन्म उस्तव पर आप रुझान प्रभु चरणों में आकर्षित करने हेतु एक प्रसंग जो मेरे मन को काफी लम्बे समय से उत्साहित कर रहा है वह

महा गौरी पूजन

कल माँ भगवती गौरी के पूजन का दिन है |महा गौरी नवरात्री की अष्टम दुर्गा है | देवी नेहिमाचल के यहा जन्मलेकर भगवन शिव को वर स्वरूप में प्राप्त करने हेतु 12 साल तक तपस्या करी जिस के कारण देवी का सरीर कालाहो गया था |सनकादिक मुनियाँ द्वरा काफी समझने के बाद भी देवी अपनी प्रतिजा नहीं तोड़ीदेवी की माँ मैना तथा पिता द्वरा काफी समझया गया लेकिन देवी अपनी प्रतिजा पर कायम रही और उन्होंने सप्त ऋषियों के समझने पर कहाँ था कि  सुनो सप्त ऋषि रगर हमारी |  वरे  शिव  नहीं  राहू कुवारी || परिणाम स्वरूप देव लोक में हलचल मंच गयी देवो भगवानशिव को प्रशन्न किया तथा भगवानशिव जिन्होंने कामको जला कर क्षारकर दिया था |ब्रह्मा अदि देवो की स्तुति पर सहमत्त हो गए तथा माँ भगवती पार्वती से विवहा के लिए वचन दिया तथा माँ भगवती की अभिलाषा पूरण करने हेतु भगवन शिव पारवती के समुख प्रकट हूए तथा उन्हें अशिवचन देकर अस्वस्थ किया एवं उनके तपस्या के द्वरा काले सरीर को गंगाजल से धोया जिस से उनका सरीर चन्द्र के सामान उज्ज्वल हो गाया |तभी से देवी भगवती का नाम महा गौरी पड़गाया |देवी के इस स्वरूप की पूजा आठवे दिन होती है |देवी साध

वर्ष २०१५ -१६ नूतन सम्बत कीलक नामक सम्बत का महत्व

ॐ श्री गणेशाय नम      ॐ श्री नारायणा नम       ॐ श्री दुर्गाये नम  कल दिनाक २१-०३-२०१५ दिन शनिवार को कीलक नामक नूतन सम्बत का शुभ आरंभ होगा जिस का रजा शनि होगा तथा मंत्री मंगल होगा |इस सम्बत का शुभ आरंभ २०-०३-२०१५ दिन शुक्रवार की रात्रि को ०३ .४५ शाम  होगा जिस समय दिल्ली में कर्क लग्न उदय होगी  राजाशनि का प्रभाव -इस वर्ष का शुभारम्भ शनिवार से होने के कारण इस वर्ष का राजा शनि होगा तथा जिस का बहन महिष भैसा होगा जिस को जल अति प्रिय है अत इस वर्ष में वर्षा अति अधिक होगी |जिस से बढ़ एवं अन्य प्राकतिक प्रकोपों से हानि|शनि को काले रंग की वस्तुए अधिक प्रिय होती है अत इस वर्ष में काली वस्तुए अधिक प्रिय होती है अत इस वर्ष में काली वस्तुओ की मांग अधिक होगी तथा वह महगी होगी ||इस वर्ष में चोरी लूटपाट एवं आतंक की घटना जनता को परेशान करने बली होगी |जिस को रोकने हेतु सरकारों को काढ़े कदम उठाने होगे | वर्ष का रजा मंगल का फल ---इस वर्ष का मंत्री मंगल होने के करण अग्नि सबंधी घटनाये अधिक होगी |तथा लोग चौरी लुट तस्करी की घटनायो से प्रभावित होगे |इस वर्ष में अग्नि एवं आतंकी घटनायो के कारण लोग इतना भय

कीलक नामक सम्बत २०१५ -१६ में होने बालीमुख्य घटनाये

नूतन कीलक नामक सम्बत में होने बली मुख्य घटनाये इस प्रकार है - [१] कीलक नामक सम्बत होने के कारण खेती को उड़ने बाले कीट तिड़ी यो से नुकशान होगा | [२] इस वर्ष का स्वामी शनि है तथा मंत्री मंगल है जो आपस में शत्रु है |अत राजनेतिक टकराब रहेगा देश पूरे वर्ष आन्तरिक कलह से जूझता रहेगा |विश्व के अधिकतर देशो में टकराब रहेगा तथा हिंसा का ग्राफ बढेगा | [३] इस वर्ष देश के प्रधानमंत्री श्री नरन्द्र मोदी के कदमो की अंतर्राष्टीय स्थर पर सरहना होगी  रूस ,जापान ब्रिटेन आदिदेश मोदी जी के साथ सहयोग मुद्रा में नजर आयगे |जगत कुंडली के अनुसार  इराक मिस्र सीरिया नाजीरिया सूडान फिल्स्थान इजरायल आदि देशो में राजनेतिक स्थतियो के बिगड़ ने के कारण टकराब रहेगा  [४] -मुस्लम बाहुल्य पक्ष्मी एशियाई देश एवं युह्दी देश धार्मिक बीचार धारयोके कारण विद्र्हो की अग्नि में झुलसने लगेगे |युध्मय बातावरण के कारण यहा से जन पलायन संभव है | नोट [१] इस वर्ष में हिदी मास चेत्र बैशाख जयेष्ट [06 मार्च से 02 जून तक ]इन मासों में क्रमश 05 मंगल बार 05 शनिबार तथा 05 रविवार होने के कारण खप्पर योग बनता है |अत इस अबधि में देश के किस

देश में आन्तरिक कलह तथा बढेगा राजनैतिक शंकट

कल २० -०३ -२०१५ से देश में केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच आन्तरिक कलह का दौर और बडजायेगा इस का कारण इस मास के एक पाखमें दो ग्रहणों का होना है |इस में एक ग्रहण २०-०३ -२०१५  चैत्र मास की अमावस्या को होगा जो भारत में दिखलाई नहीं देगा |लेकिन उसका राजनेतिक प्रभाव अबस्य होगा |दूसरा ग्रहण 04 -04-२०१५ पूर्णमाश्री हनुमान जयंती की शाम को शाम लगभग ४१५ से होगा यानि जैसे चन्द्र उदय होगा ग्रहण कालमें होगा |यधपि इस का विशेष प्रभाव यूरोप  कंट्री यो पर होगा लेकिन भारत का भी राजनेतिक प्रभाव इस से अछूता नहीं बचेगा \परिणाम स्वरूप इन दिनों देश में आन्तरिक कलह के साथ साथ भारत पाकिस्थान की समस्या बढेगी |अत भारत तथा पाक से आपसी सबंध ख़राब हो सकते है |इस के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी का जम्मू कश्मीर में जो समझोता हूआ है उस की नैया कही भी कभी भी मझदार में डगमागा सकती है |इस के साथ साथ बंगाल की सरकर तथा दिल्ली के सरकार एवं केंद्र सरकार के साथ साथ सबंधो में आपसी ताल मेलमें गिराबट रह सकती है |इस के साथ बिन मौसम हूई बरशातसे उत्पन्न बीमारियाँ भी जनता का हाल ख़राब कर सकती है  -- कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता

देश के मजबूत होगे बिदेशी सम्पर्क

इन दिनों बुध  मंगल  सूर्य का संचार गुरु की राशी मीन में है  तथा बुध का शुष्क राशी में गोचर जनता को कष्ट देगा |नई नई बीमारी उत्पन्न होगी |पाकिस्थान में उत्पात बदेगे  देश के विभिन्न पर्वतीय क्षेत्र जम्मू कश्मीर  हिमाचल आदि में वर्फबारीतथा बर्षा से जन समस्या बढेगी ओला पड़ने से किसानो की फसल नष्ट होने के साथ साथ पशुयो में भी बीमारी उत्पन्न होगी |इस के साथ साथ उतराखंड में भी बर्फबारी तथा बर्षा से परेशान हो सकती है  लेकिन ये समय बिभान्न प्रस्थातियो के बाद देश के लिए अच्छा होगा देश की बिदेश निति अछीबनेगी  पडोसी देशो से अच्छे सबंध बनेगे तथा व्यापर क्षेत्र में बिदेश निति से लाभ होगा अत ये समय देश के आन्तरिक मामलो के लिए अच्छा नहीं है लेकिन बिदेशी सबंधो के लिए उत्तम होगा | इन दिनों सरकारों को कर्मचारियों की हड़ताल से तथा करप्शन से उच्च स्थर पर जूझना पड़सकता है | इस के साथ साथ इन दिनों शुक्र मेष राशी में संचार कर रहा है जिस के कारण महिलायों की सुरक्षा चिनौती राष्ट को पड़े पैमाने पर होगी अर्थात बलात्कार महिला शोषण की घटना देश में निरंतर बढेगी  -- --  कोहू न काहू क़र सुख दु

रावण का पुष्प विमान का वास्तु

रावण का पुष्प विमान भी उस समय की विज्ञानं के एक अनोखा आयुध  था |जिस की अनोखी विशेषता यह थी |वह विमान उस रथ में वेठे व्यक्ति योधा की इच्छा के अनुसार चलता थापुष्प विमान  रावण के महल का आधा भाग था |इस के आन्तरिक भाग में बने कक्ष नीलम रतन तथा अन्य चमकीली मडियोसे बने  थे  |जिस से अधेरे भागो में भी शुक्ल पक्ष में दिखलाई देने बाले चन्द्र के सामान प्रकाश होता था |जिस के प्रकाश से शत्रु चका चौद होकर भाग जाता था |या फिर मारा जाता था क्योकि इस विमान में युधा के इच्छा अनुसार प्रकट होने तथा अद्रश्य होने की पूरण क्षमता  थी |दूसरा इस विमान में योधा को कोई असुबधा नहीं होती थी | इस विमान का निर्माण ब्रह्मा जी के लिए विश्वकर्मा जी द्वरा किया किया था |इस विमान को कुवर जी  ने ब्रह्मा जी से माँगा था तथा कुवेरसे बल पुर्बक रावन द्वरा लें लिया गया था |इस विमान को किसी प्रकार के आयुधो से तोडना कठिन था |इस बिमान में एसी सुबधाये थी जैसी किसी देवता एवं देवराज इंद्र के विमान में भी नहीं थी |क्यों कि ये विमान विशेष रूप से विश्वकर्मा जी द्वरा ब्रह्मा जी द्वरा तैयार किया गया था |ये विमान उस समय के वास्तु सुबधायो
लका के राजा रावन का नाम समर्धि में आज के इतहास में भी जाना जाता है |रावन का विलासता पूरण जीवन यस प्रतिस्था  बहुबल से कोन परचित नहीं है |इन सभी के पीछे रावन की सुंदर लंका का वास्तु अनुसार बना होना भी था | बाल्मीकि रामयण में रामायण के पंचम स्कंध सुंदर कांड में हनुमान जी की यात्रा यंत्रा के दोरान जो वारणमिलता है उस में लंका की भव्यता दिखलाई पड़ती है |लंका के अंदर भवनों की भव्यता  कमल अक्रती का बना होना भवनों के दरवजे फर्श अदि की बनाबट भवनों में लगी स्फेटक नीलम अदि रत्नों का झारको में लगा होना |सोने के दरबाजे होना तथा चादी के खम्बे स्तभ का होना आदी सभी रावन के जीवन की प्रसाधि का कारण रहे है |रावन के स्वस्थ की निरोगता आदीका प्रमाण सभी लंका की वास्तु की देनहै |लंका का अंतपुर इस प्रकार बना हूआ था इस के चारो और समुद्र एक पहरे दारके समान रक्षक था दूसरी बात लंका पर्वत के उच्च शिकर पर इस प्रकार बसी थी कि लंका बसियो को प्रकतिक ऊष्मा उपयुक्त मात्र में मिलती थी की रोगी होने का कारण ही नहीं बनता था परिणाम स्वरूप लंका वासी निरोगी समर्ध जीवन था | बाल्मीकि रामायण अनुसार लंका के जिन भवनों को हनुमान

ख़राब मौसम

-- कल १३ मार्च है शनि वक्री होगा जो जनता को कष्ट दाई सिद्ध होगा पशुयो में बीमारी होगी वर्षा के योग बन सकते है |तेज हवायो के द्वरा क्रषि को काफी हानी होगी |पर्वतीय क्षेत्र में जन जीवन ज्यदा प्रभावित रहेगा |भारतीय जनता पार्टी को कुछ लाभ होगा |लेकिन शीतयुध का दौर राजनीति में अधिक बढेगा \समाज में चौरी लुट पाट आतंकबाद की घटना प्रभवित रहेगी |आप का भी आन्तरिक कलह और बढेगा |भारत के पाकिस्थान के साथ सबंध कमजोर होगे |जम्मू कश्मीर तथा भारतीय जनता पार्टी आपसी तालमें कमजोर होगा तथा सरकार का समझोता टूट सकता है | कोहू न काहू क़र सुख दुःख दाता | निज कृत कर्म भोग फल पाता||   गरल सुधा रिपु करें  मिताई ,गोपद सिन्धु अनिल सितलाई . गरुण सुमेर रैन सम  ताहि ,राम कृपा कर चितवें जाहि  .. Pt.Shriniwas Sharma Mo:9811352415                                                       http:// vedicastrologyandvaastu. blogspot.com/ www.aryanastrology.com Professional charges :Rs1100/Patri,...Prashan  Rs 500 Central bank a/c: SB no: CBIN0280314/3066728613 --