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Showing posts from November, 2011
जन अधिकारों का अनदेखा करेंगी सभी वर्तमान  सरकारें ज्योतिष के अनुसार इन दिनों शनि अपनी उच्च राशी तुला में गोचर कर रहे हैं. मंगल का गोचर सूर्य की राशी सिंह में है जो मई अंत तक रहेगा दूसरी ओर गुरु एवं शनि के परस्पर दृष्टि भी है . ज्योतिष में गुरु को कानून और ज्ञान का कारक मन जाता है तथा शनि को जनता एवं राज्य के संसाधनों का कारक माना गया है गुरु एवं शनि की परस्पर द्रष्टि इस बात का प्रतीक है की शनि की उच्चता के कारण जनता के पास जो संसाधन बढेंगे उस पर कानून की पैनी द्रष्टि होगी और जनता से हरण कर लिए जायेंगे. यद्यपि यह बात पूर्णतया सत्य है की गुरु के उच्च राशी में आनें के कारण समाज की उपभोग प्रवृति बढ़ेगी जिसे देखते हुए सरकारें अपनी नई कर नीति के तहत समय समय पर जनता के धन का हरण भी करती रहेगी जिस से जनता त्राहि त्राहि कर उठेगी.दूसरी ओर मंगल जो ज्योतिष में बल का कारक है का लम्बे समय के लिए सूर्य की राशी सिंह में आनें के कारण सरकारें निरंकुश  होंगी  तथा जनता के अधिकारों की पूर्ण रूप से अनदेखी करेंगी अर्थात सरकारों की अराजकता इस कदर बढ़ेगी की जनता विरोध प्रदर्शनों के द्वारा  अंकुश कायम नहीं क

शनि का तुला राशी में गोचर

शनि का तुला राशी में गोचर  १४ नबम्बर २०११ की अर्ध रात्री को  शनि गोचर वश  कन्या  राशी  का  त्याग  कर  अपनी  उच्च राशी  तुला  में  प्रवेश  करेगा |फल स्वरुप्  सिह राशी से शनि  के  साढ़े साती  का  प्रभाव  समाप्त  होना  शुरू   होगा | जिस  से उन्हे   धीरे  धीरे मानसिक  तनाब  से  शांति  मिलेगी तथा उन्हें धीरे  जीवन में रुके  कामो में सफलता  मिलने  लगेगी |इस के साथ  साथ कन्या राशी पर  शनि  के  साढ़े  साती  का  गोचर  आरंभ  होने के  कारण जीवन  में  तनाब  बढ़ने लगेगा | इस के साथ  साथ तुला राशी वृश्चक  राशी  पर शनि की  साढ़े  साती  का अंतिम  तथा माध्यम  दौर  शु रू  हो जायेगा | ज्योतिष के अनुसार  शनि  भौगोलिक  शुभदायोसंसाधन  आदि  का  कारक  माना गया  है इस लिए अत शनि  के  साढ़े साती का प्रभाव अगर नकारात्मक है है जो निश्चय ही  अत्यनत   दुख  दाई  बन  जाता है |अगर शनि  योग कारक है  तो  शनि  की  साढ़े साती सभी प्रकार  की सफल दाई  बन  जाती है |इसी  लिए  शनि  की  साढ़े साती दोने  प्रकार फल देने बाली होती है  | इसी लिए शनि  के  प्रभाव  को बिना जाने भय भीत होने  की आवश्यकता  नहीं  है | अगर शनि  की साढ़े