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Showing posts from April, 2011

हिन्दू सौर बैशाख मास

हिन्दू सौर बैशाख  मास  का आरंभ १५-४-२०११ बैशाखी  तथा  चन्द्र  मास  का  आरम्भ  दिन  सोमवार  पूरण मा से  हो  रहा  है |  इस  मास  में पांच मंगल  वार होने  के  कारण प्राक्रतिक  आपदा  तेज  आधी  भूकंप  की  यदा  कदासंभावना  जब  मंगल  मीन  राशी  से  अपनी  राशी  मेष  में  प्रवेश  करेगा  गुरु  के मेष  राशी  में  ९ माई  को  प्रवेश  करेगा  एवं  शुक्र  का  पीड़ित  नवांश  में  जाने  के  कारण भूमि  सम्बन्धी  घटना  होने  की  पूरी  संभाबना  है | इस  मास  में  रेल  यतायात  पर  भी  प्रभाव  पड़ेगा  साथ  ही  साथ  पेट्रोलियम  पदारथ  गैशआदि  अतियंत  महगी  होने  के  कारण  जनता  के  बीच  हाय  तोबा  होगी  | इस  के  साथ  साथ  सरकार  से  दूरी  बढनी  तैय    है | समाज  के  अंदर  जन  हितो  की  अनदेखी  होगी  पुलिस  के  अत्याचार  बढ़ेगे | राज नेता  एवं  अधिकारी  वर्ग  अपना  स्वार्थ  पूरा  करने  जनता  का  भरपूरण  शोषण  करेगे | दिल्ली  के आसपास  हलके  फुल्के  भूकंप  आदि  के   झटके  हो  सकते  है  जिस  से  धन  जन  हनिकी  कोई  सम्भावना  नहीं  है  |  लेकिन  तेज  हवा  तथा  अग्नि  सम्बन्धी  घटना  धन  जन  की  हनि  कर  सकती  है

गुरु का मेष राशी में संचार

गुरु का मेष राशी में संचार ९ मई २०११ को गुरु मीन राशी से मेष राशी में संचार करेंगे .काल पुरुष की कुंडली में मेष राशी सिर पर उदय होने वाली तथा  प्रथम  राशी है |राशी अधिपति  मंगल है जो अग्नि कारक ग्रह है. गुरु के मेष राशी में संचार के समय गुरु देश की कुंडली के नवं घर से दसवें घर में संचार करेंगे दसवां घर कानून ,संसद का होने के कारण वैधानिक तरीकों में कुछ बदलाव की सम्भावना है. जो जनता के हित के लिए होगा . गुरु का मेष राशी संचार सूर्य तथा मंगल के साथ होने के कारण भारत के लिए अंत्यंत शुभ फली सिद्ध होगा लेकिन मंगल का शुक्र के नवांश में जाने के कारण महिला वर्ग का शोषण बढ जायेगा अतः क़ानूनी व्यवस्था मजबूत होने के बाबत भी समय समय पर महिला शोषण की शिकार होती रहेंगी. व्यापारिक दृष्टिकोण से गुरु के राशी परिवर्तन के बाद गुरु के कारक तत्व जैसे सोना ,पीतल,ताम्बा के भाव अत्यंत महंगे होंगे इसके साथ साथ मंगल के शुक्र के नवांश में जाने के कारण पेट्रोलियम पदार्थ महंगे होंगे तथा पेयजल के साधनों में कमी होगी जिसको लेकर समाज में अव्यवस्था तथा जनता का कानून से भरोसा और कम हो जायेगा. इसके साथ जब शुक्र अपनी उ

हिन्दु नव वर्ष के प्रभाव

नब सम्बत २०६८ का देश की जनता पर शुभ अशुभ प्रभाव  हिन्दू परम्परा के  अनुसार  विक्रमी  सम्बत २०६८ का  शुभ  आरंभ  चेत्र शुक्ल प्रत पदादिन  सोमबार  से  हो रहा  है | इस  सम्बत  को  विक्रमी  सम्बत  अनुसार  क्रोधी  सम्बत  के  नाम  से  जाना  जायेगा | जो स्रष्टि  के  आरम्भ १९५५८८११२ के  अंतर  गत तथा  विक्रमी  सम्बत २०६८तथ  महावीर  निर्माण  सम्बत ५११२ व  क्र्षण  सम्बत ५२४६  तथा  सप्त ऋषि सम्बत ५०८७ श्री वुध  सम्बत  अनुसार २६३४\३५ एवं  इगल  सम्बत सन  २०११-२०१२ होगा  इस  की गढ़ना  खालसा  सम्बत  अनुसार ३१२-३१३ एवं  नानक  शाही  सम्बत  अनुसार ५४२-४३ होगी | सम्बत  के  अनुसार  सतयुग  की गढ़ना १७२८०० तथा त्रेता  युग  की  गढ़ना १२९६००० एवं द्वापरकी  गढ़ना ६८४००० कलिकाल  को ४३२००० प्रमाण बर्षो  का  माना  गया  है | विक्रमी  सम्बत  अनुसार विष्णु विशति  का १८ वाँसम्बत क्रोधी  नामक  सम्बत  होगा  | जिस  का  सुबह  आरंभ  ४अप्रैल  २०११  दिन  सोमबार  से  हो  रहा  है अत  इस  सम्बत राजा  सोम [चन्द्र ]होगा |जोतिष  अनुसार  क्रोधी  नामक  सम्बत  होने  पर लोग  क्रोधी  तथा  अधिकारी  स्वार्थ  पूर्ति  की  चरम  सीमा  पर  हो